हम भी होते नवाब, सजते अपने भी ख्वाब |
पर क्या करें जनाब, किस्मत अपनी ख़राब |
हम भी बुरे नहीं, सूरत भी है सही |
गम है इस बात का, कोई फंसती नहीं |
हांथों में जाम है, दिल में अरमान है |
जिस राहों में चले, अपनी पहचान हो |
रातों को हम जगे, कुछ भी न पढ़ सकें |
खोली जो बुक कभी, पढ़ते ही सो गए |
बैकों से है भरी, अपनी ये ज़िन्दगी ,
नेटवर्क दिखता नहीं, ada है सर फ़िरी |
गम पहले साल का, अबतक मेरे साथ है,
पर ये चिंता किसे, हम तो बिंदास है |
जो कुछ हमने पढ़ा, सब का सब लिख दिया,
नंबर आते नहीं, फिर मेरी क्या खता |
कॉलेज के नाम पर, लम्बा मैदान है,
खंडर में आ फंसी , हम सबकी जान है |
its beautiful ananad
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